इमाम के पीछे आमीन कहना सुन्नत हैं :
1. हजरत वाइल बिन अम्र रावी हैं फरमाते हैं:मेने सुना रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयही वसल्ल्म ने पढ़ा ! "गैरील मगजुबि अल्लैहिम वलज्जालिनि " फिर आप ने बुलंद आवाज़ से आमीन कही
(हदीस-तिर्मिज़ी-248-अबूदाऊद-932).
2. हज़रात अबू हुरैरा र.अन्हो फरमाते हैं :
नबी सल्लाहु अलयही वसल्लम ने फ़रमाया जब इमाम आमीन कहे तो तुम भी आमीन कहो ।जिस सख्स की आमीन फरिश्तो की आमीन से मिल गई तो उसके पहले सब गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं.
(हदीस-बुखारी-780-मुस्लिम-410)
3.नईम मुजमीर र.अन्हो फरमाते हैं अब हुरैरा र.अनहो ने नबी सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के तरीके से नमाज़ पढ़ाई उन्हों ने "आमीन" कही और इकतदा में नमाज़ अदा कऱ रहे थे उन्हों ने भी आमीन कही।
(हदीस -नसाई -3/262,499 हाकिम जेहबी,बहकी ने सही कहा हैं)
4.. अब्दुल्लाह बिन् जूबेर र.अनहो और उनके मुकतदि इतनी बुलंद आवाज़ से "आमीन" कहते थे के मस्जिद गूंज उठती .
(हदीस-बुखारी-2/262)
5. अता बिन रिबाह् र.अलय फरमाते हैं :
मेने 200 सहाबा किराम को देखा किबेतुल्लाह में जब इमाम "वलद दाल्लीन" कहते तो सब बुलंद आवाज से आमीन कहते
हदीस : बहैकि 2/59,किताबुसिकात इब्ने हिब्बान
6. नबी सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया
जितने यहूदी सलाम और आमीन से चिढ़ते हैं उतना किसी और चीज से नहीं चिढ़ते हैं
हदीस : इब्ने माजा 856-इमाम इब्ने खुजेमा 1/288,हदीस 574-3/38
1. हजरत वाइल बिन अम्र रावी हैं फरमाते हैं:मेने सुना रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयही वसल्ल्म ने पढ़ा ! "गैरील मगजुबि अल्लैहिम वलज्जालिनि " फिर आप ने बुलंद आवाज़ से आमीन कही
(हदीस-तिर्मिज़ी-248-अबूदाऊद-932).
2. हज़रात अबू हुरैरा र.अन्हो फरमाते हैं :
नबी सल्लाहु अलयही वसल्लम ने फ़रमाया जब इमाम आमीन कहे तो तुम भी आमीन कहो ।जिस सख्स की आमीन फरिश्तो की आमीन से मिल गई तो उसके पहले सब गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं.
(हदीस-बुखारी-780-मुस्लिम-410)
3.नईम मुजमीर र.अन्हो फरमाते हैं अब हुरैरा र.अनहो ने नबी सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के तरीके से नमाज़ पढ़ाई उन्हों ने "आमीन" कही और इकतदा में नमाज़ अदा कऱ रहे थे उन्हों ने भी आमीन कही।
(हदीस -नसाई -3/262,499 हाकिम जेहबी,बहकी ने सही कहा हैं)
4.. अब्दुल्लाह बिन् जूबेर र.अनहो और उनके मुकतदि इतनी बुलंद आवाज़ से "आमीन" कहते थे के मस्जिद गूंज उठती .
(हदीस-बुखारी-2/262)
5. अता बिन रिबाह् र.अलय फरमाते हैं :
मेने 200 सहाबा किराम को देखा किबेतुल्लाह में जब इमाम "वलद दाल्लीन" कहते तो सब बुलंद आवाज से आमीन कहते
हदीस : बहैकि 2/59,किताबुसिकात इब्ने हिब्बान
6. नबी सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया
जितने यहूदी सलाम और आमीन से चिढ़ते हैं उतना किसी और चीज से नहीं चिढ़ते हैं
हदीस : इब्ने माजा 856-इमाम इब्ने खुजेमा 1/288,हदीस 574-3/38