Gairullah ko pukarne walon se chand sawalat

💎गैरुल्लाह
(अल्लाह ताला के अलावा किसी और)
को पुकारने वाले से कुछ सवालात

🌻अगर कोई शख्स मुसीबत में हो और वह चाहता हो कि मेरी परेशानी दूर हो,
वह मदद के लिए किसी गैरुल्लाह को पुकारना चाहे जो उसे मुसीबत से छुटकारा दिला दे…..
अब….
अगर सवाल करने वाले और उस हस्ती के बीच (जिसे मदद के लिए पुकारा जाता है) सैकड़ों किलोमीटर की दूरी हो तो वह जिंदगी में या मरने के बाद कब्र में पुकारने वाले की आवाज क्या सुन सकता है?

🌻क्या वह हस्ती दुनिया की हर जबान जानती है?
क्योकि हर मुल्क और इलाके वाला उसे अपनी जबान में पुकारेगा.
अगर हजारों लाखों लोग एक वकत में उस हस्ती के सामने अपनी हाजत (जरूरियात) पेश करें तो क्या वह सब की पुकार उसी वकत सुन और समझ लेते है?

💎क्या वह हस्ती हंमेशा जागती है?
या कभी उसे नींद भी आती है?
अगर नींद आती है तो पुकारने वाले को यह इल्म होना जरुरी है की वह हस्ती कब जग रही है और कब वह नींद में होती है?
💎ताकि अपनी हाजत उसी वक़्त पेश करें जब वह हस्ती सो ना रही हो या वह क्या वह हस्ती नींद में भी सुनती है?

💐अगर कोई गूंगा शख्स अपनी हाजत पेश करें तो क्या वह उस (गूंगे) के दिल की पुकार भी सुन सकतें है?

♦अगर वह हस्ती तमाम मुश्किलात हल कर सकती है और हाजते पूरी कर सकती है
तो फिर अल्लाह ताला की क्या जरुरत रह जाती है?

💐अगर वह हस्ती तमाम मुश्किलात हल नहीं कर सकती तो हमें मालूम होना चाहिए कि वह कौन कौन सी मुश्किलात हर कर सकती है?
और अल्लाह ताला किन मुश्किलात को हल करने पर कादिर है?
ताकि सवाली अपनी मुश्किल उसी के सामने पेश करे जो उसे हल करने पर कादिर हो.

🌻अल्लाह के सिवा जो हस्ती मुश्किल दूर कर सकती है क्या वह मुश्किल में डाल भी सकती है?
या उसका काम सिर्फ मुश्किलात को हल करना है?
अगर ऐसा है तो फिर मुश्किल में डालने वाला कौन है?

💐अगर अल्लाहताला मुश्किल में डालना चाहे और गैरुल्लाह मुश्किल से बचाना चाहे और दोनों अपने इरादे पर जमें रहे तो जीत किस की होगी?
या कौन अपना फैसला वापस लेगा?

💎अगर किसी भले या बुरे शख्स का जनाजा पढ़ना हो तो उसकी बख्शीश के लिए अल्लाह को पुकारा जाए या गैरुल्लाह को?

🌻मुहरतम हजरात!
जरा सोचिये हम कहाँ जा रहे है?
मुशरिकिने मक्का भी मुसीबत में अपने मअबूदो को छोड कर सिर्फ अल्लाह ताला को मदद के लिए पुकारा करते थे
(सुरह अन्कबूत:६५)

🔶 तो क्या हम उनसे भी गये-गुजरे हो गये जो मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए अल्लाह ताला को छोडकर गैरुल्लाह को पुकारने लगे.
यह कैसी तौहीद है?
🔶 क्या हमारा गैरुल्लाह को पुकारना तौहीद से खिलवाड़ नहीं?
अगर कोई यह कहे कि हम गैरुल्लाह को मुसीबत से निजात देनेवाला मानकर नहीं पुकारते बल्कि उनसे दुआ कराते है
इसलिए कि वोह अल्लाह ताला के वली (दोस्त) है.
तब फिर यह सवाल पैदा होता है कि हमें कैसे पता चला कि यह अल्लाह के वली है?
💐क्या अल्लाह ताला के रसूल सल्ल. से बड़ा कोई अल्लाह ताला का वली (दोस्त) हुआ है?
क्या किसी एक भी सहाबी ने आप सल्ल. की वफात के बाद आप सल्ल. को मदद के लिए पुकारा?
🔶अगर नहीं और यक़ीनन नहीं तो फिर यह कैसी तौहीद है जिसे कुछ लोगो ने अपना लिया है?

अल्लाह ताला के लिए तौहीद से खिलवाड़ न कीजिये इसलिए कि अल्लाह ताला का इर्शाद है,
💎 “अगर नबी भी शिर्क करते तो उनके सारे आमाल जाया और बर्बाद हो जाए”( सुरह अनआम:८८, सुरह जुमर:६५)

♦हमारा मकसद किसी का दिल दुखाना नहीं है बल्कि अल्लाह ताला के दीन को अपनी ताकत भर उसके बंदो तक पहुचना है.

🌻अल्लाह ताला हम सभी को दीन की सही समझ अता करें ताकि हम तौहीद से खिलवाड़ करके शिर्क की दल दल में न घंसे
और शिर्क करने की वजह से हमारा ठिकाना जहन्नम में न बने.
💐साथ ही अल्लाह ताला हमें हक बात कहने, सुनने, मानने और अपनाने की तौफीक अता फरमाए….
🔶 AMEEN🔶